Pyaar kya hota hai: प्यार क्या है देखो इस दुनिया में हर किसी के लिए प्यार के मायने अलग है किसी के लिए प्यार है किसी के साथ रहकर खुश रहना किसी के लिए प्यार है किसी के बिना ना रह पाना किसी के लिए प्यार है किसी एक इंसान से दिन रात बात करना तो किसी के लिए प्यार है
Pyaar kya hota hai
एक इंसान की गैरमौजूदगी में उस इंसान को याद करना तो किसी के लिए परवाह करना। पर अक्चवली में ये सब प्यार है ही नहीं। अगर आपको किसी को देखकर वॉव वाली फीलिंग आती है तो वो प्यार नहीं है, वो अट्रैक्शन है, आप उसे पसंद करते हैं इसलिए आपको? वह फीलिंग आ रही है और यह फीलिंग जरूरी नहीं है। सिर्फ एक ही के लिए आती है।
यह फीलिंग आपको किसी और के लिए भी आ सकती है। किसी और खूबसूरत चेहरे को देखेंगे तो फिर से वह वॉव वाली फीलिंग आएगी कि वॉव ये कितना खूबसूरत है, है ना? और अगर आप किसी को पसंद नहीं कर रहे हैं या आपको किसी का चेहरा खूबसूरत नहीं लगा तो शायद आप उससे दखे भी ना दुबारा या देखना दुबारा पसंद भी ना करें।
जब हमें किसी की खूबसूरती से प्यार होता है तो वो प्यार नहीं होता। वो बस अट्रैक्शन होता है और वो बहुत ही ज्यादा टेंपररी फीलिंग होती है। आज है कल किसी और के लिए भी हो सकती है। सो वो प्यार नहीं है जो एकदम से बदल जाए।
जो एकदम से इंसान ही रेप्लस कर दे वो प्यार नहीं होता। आप अट्रैक्ट हर किसी से हो सकते हो लेकिन आप प्यार हर किसी से नहीं कर सकते ना? प्यार वाली फीलिंग्स तो हर किसी के लिए नहीं आ सकती अक्चवली में आपको प्यार करना पड़ता नहीं है, आपको प्यार हो जाता है। इट हप्पेन्स।आपको मेहनत नहीं करनी पड़ती।
Pyaar kya hota hai
हाँ आपको किसी को प्यार करना है, वो हो जाता है नैचुरली हो जाता है यार और प्यार वो भी नहीं है जब हम किसी को जबरदस्ती पाने की कोशिश करते हैं, लोगों से लड़ते हैं, झगड़ते हैं सिर्फ उस इंसान को पाने के लिए इन्फैक्ट उस इंसान से भी झगड़े करते हैं, वो भी प्यार नहीं होता। वो भी एक जिद होती है वो प्यार में नहीं आती।
अगर आपके अंदर किसी के लिए जिद आ जाए उसको पाने की ऑब्सेशन आ जाए। ऑबसेस्ड हो जाए आप उस इंसान से तो वो प्यार नहीं होता। प्यार में कभी भी ज़ोर जबरदस्तियां नहीं होती, प्यार बस प्यार से होता है यार तो फिर सवाल आता है की आखिर प्यार है क्या?
अटैचमेंट है अट्रैक्शन है नहीं यार वो है। जब आप किसी के साथ होते हो ना तो खुद को पूरा महसूस कर सकते हो। यू फील लाइक यू अरे कंप्लीट है ना? अगर आप उस इंसान के साथ बैठे हो तो आपको यह महसूस नहीं होगा कि यह कोई और इंसान है। यह तो आपको लगेगा यार यह तो यह तो मैं ही हूँ।
यह तो मेरी एक छवि है। आपको उस इंसान के अंदर अपना एक रिफ्लेक्शन दिखता है। प्यार का कोई मतलब नहीं है, प्यार की कोई डेफिनिशन नहीं है, प्यार बेमतलब है और प्यार का कोई अर्थ नहीं है। प्यार का मतलब ये नहीं है कि मुझे अब इस इंसान के साथ रहना है। प्यार का मतलब ये है कि ये इंसान जहाँ भी रहे जिसके साथ भी रहे, जैसा भी रहे बस खुशहाल रहे। खुशी खुशी रहे आप।
Pyaar kya hota hai
उस इंसान के साथ रहने की जिद नहीं करते। बस आप उस इंसान को खुश देखना चाहते हो, चाहे आप उसके साथ रहे या ना रहे, वो तो आपकी किस्मत है, वो तो उसकी मर्जी है। जब आप किसी से सच्चा प्यार करते है ना तो सिर्फ और सिर्फ आप उसकी खुशियों को देखना चाहते हैं, उस इंसान को खुश देखना चाहते हैं।
हमेशा उसके चेहरे पर स्माइल देखना चाहते हैं, उसकी आँखों में आंसू नहीं देखना चाहते, वो होता है प्यार प्यार होता है तो आप उस इंसान की दिल से इज्जत करते हैं, उसको वो मान सम्मान देते हैं जो वो डिज़र्व करता है, कोई भेद भाव नहीं रखते, कोई उच्च नीच नहीं रखते, किसी भी तरीके का डिस्क्रिमिनेशन नहीं करता।
उसके साथ में। न कभी उसको डोमिनेट करने की कोशिश करते न उसको नीचा दिखाने की कोशिश करते। कभी ऐसी कोई नेगेटिव फीलिंग आती ही नहीं है। आपके दिल में उस इंसान के लिए जो है बिल्कुल पूरे है। बिल्कुल पाक कोई दाग नहीं, कोई मैलापन नहीं, कुछ नहीं। बिल्कुल पूरे आप उन्हें सपोर्ट करते हैं।
आप उनको सहारा देते हैं। उन्हें जीस चीज़ की जरूरत होती है। वो चीज़ आप सबसे पहले करते हैं। आप खुशी खुशी हर एक चीज़ उनके लिए करना चाहते हैं। आप उन्हें हमेशा खुश देखना चाहते हैं। उनको चाहे जीस मुकाम पर जाना है, अपनी लाइफ में आप उनका सहारा बनते हैं।
तुम बस आगे बढ़ो, तुम्हें कोई ताकत नहीं रोक सकती आगे बढ़ने से, क्योंकि वह जो सपना देख रहे हैं ना किसी चीज़ को पाने का। अब उनके सपने भी आपके सपने बन गए हैं ना? वह भी तो अब आप ही के सपने हैं।
यही तो प्यार है यार और कहीं ना कहीं सच ये भी है की आप भले ही सही ट्रैक पर हो, बट कई बार सामने वाला उस ट्रैक पर नहीं होता और सामने वाला जो गलतियाँ कर रहा होता है, उसकी वजह से आपका प्यार से विश्वास उठ जाता है।
Pyar kya hota hain
देखो अगर एक जगह पर बस एक इंसान खराब है तो इसका मतलब ये नहीं है की वो जगह ही खराब हो गई, ठीक है, शहर का एक इंसान खराब है तो पूरा शहर बदनाम नहीं कर सकते हो। शहर में और भी अच्छे लोग हो सकते हैं। उस जगह पर और भी अच्छे लोग हो सकते हैं। कुछ अच्छे दिल के कुछ अच्छे नेचर के लोग हो सकते हैं तो?
प्यार को बदनाम मत करो जस्ट बिकॉज़ आपका किसी इंसान के साथ में एक अच्छा एक्सपीरियंस नहीं रहा रिलेशनशिप में? सो प्यार को बदनाम मत करो प्यार बहुत पूरे है। प्यार बहुत बहुत ज्यादा खूबसूरत है। Crying sad love story
आप इस चीज़ को आपने महसूस किया है आपने किसी से सच्चा प्यार किया था, आप जानते है? यही प्यार हैँ कुछ टेम्पररी लोगों से मिलते हैँ, औऱ कुछ लोग खास हों जाते हैँ, यही तो प्यार हैँ इसीलिए प्यार करने से पहले आप खुद से प्यार करो यही जिंदगी है यही प्यार हैँ, फ़िर मिलते हैँ एक न्यू कहानी के साथ, तो कमेंट करके जरूर बातना कैसी लगी आपको ये पोस्ट Pyaar kya hota
1. प्यार की सही परिभाषा क्या है?
प्यार की सही परिभाषा को समझने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि प्यार केवल एक भावना नहीं है, बल्कि यह एक गहरी समझ और सम्मान का परिणाम है। प्यार का असली मतलब यह है कि आप किसी इंसान को खुश देखना चाहते हैं, चाहे आप उसके साथ हों या नहीं। प्यार में कभी भी ज़ोर-ज़बरदस्ती नहीं होती, और यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जो बिना किसी प्रयास के होती है।
प्यार का अर्थ यह नहीं है कि आपको उस इंसान के साथ रहना है, बल्कि यह है कि वह इंसान जहाँ भी हो, खुशहाल रहे। सच्चे प्यार में, आप उस इंसान की खुशियों को प्राथमिकता देते हैं और उसकी इज्जत करते हैं, बिना किसी भेदभाव के।
इस प्रकार, प्यार की कोई निश्चित परिभाषा नहीं है, लेकिन यह एक बेमतलब और गहरी भावना है जो किसी के प्रति सच्चे सम्मान और देखभाल से जुड़ी होती है।
2.क्या प्यार और आकर्षण में कोई अंतर है?
हाँ, प्यार और आकर्षण में स्पष्ट अंतर है:
1. आकर्षण:
– परिभाषा: आकर्षण एक तात्कालिक और सतही भावना है, जो किसी व्यक्ति के प्रति शारीरिक या मानसिक रूप से होती है।
– विशेषताएँ: यह अक्सर किसी के रूप, व्यक्तित्व, या व्यवहार के कारण उत्पन्न होता है। यह एक प्रारंभिक खिंचाव है जो जल्दी से विकसित हो सकता है।
– स्थायित्व: आकर्षण समय के साथ बदल सकता है और यह हमेशा गहरा नहीं होता।
2. प्यार:
– परिभाषा: प्यार एक गहरी और स्थायी भावना है, जो समय के साथ विकसित होती है।
– विशेषताएँ: इसमें भावनात्मक जुड़ाव, विश्वास, समर्थन, और गहरी देखभाल शामिल होती है। प्यार में एक व्यक्ति के प्रति प्रतिबद्धता होती है।
– स्थायित्व: प्यार अक्सर समय के साथ मजबूत होता है और यह एक स्थायी रिश्ते का आधार बन सकता है।
संक्षेप में, आकर्षण एक प्रारंभिक और तात्कालिक भावना है, जबकि प्यार एक गहरा और स्थायी संबंध है।
3. सच्चे प्यार की पहचान कैसे की जा सकती है?
सच्चे प्यार की पहचान करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण संकेत होते हैं:
1. विश्वास: सच्चा प्यार हमेशा विश्वास पर आधारित होता है। यदि आप अपने साथी पर भरोसा करते हैं और वह भी आप पर भरोसा करता है, तो यह एक सकारात्मक संकेत है।
2. समर्पण: सच्चा प्यार एक-दूसरे के प्रति समर्पण को दर्शाता है। जब दोनों साथी एक-दूसरे के लिए समय और प्रयास देते हैं, तो यह प्यार की गहराई को दर्शाता है।
3. सहयोग और समर्थन: सच्चे प्यार में एक-दूसरे का समर्थन करना और मुश्किल समय में एक-दूसरे के साथ खड़ा रहना शामिल होता है।
4. संचार: खुला और ईमानदार संचार सच्चे प्यार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जब दोनों साथी अपनी भावनाओं और विचारों को साझा करते हैं, तो यह संबंध को मजबूत बनाता है।
5. सम्मान: एक-दूसरे के विचारों, भावनाओं और सीमाओं का सम्मान करना सच्चे प्यार की पहचान है।
6. खुशी: जब आप अपने साथी के साथ समय बिताने में खुशी महसूस करते हैं और उनकी खुशी आपके लिए महत्वपूर्ण होती है, तो यह सच्चे प्यार का संकेत है।
7. समस्या समाधान: सच्चे प्यार में समस्याओं का सामना एक टीम के रूप में करना शामिल होता है। यदि आप दोनों मिलकर समस्याओं का समाधान करते हैं, तो यह एक मजबूत संबंध का संकेत है।
इन संकेतों के माध्यम से आप सच्चे प्यार की पहचान कर सकते हैं।
नमस्ते दोस्तों मेरा नाम आर्यन यादव है और मुझे कहानियां लिखना औऱ पढ़ना बेहद पसंद है इसलिए मैं अपने आस-पास सभी की लाइफ से प्रेरित होकर कहानियां, लव स्टोरी, काल्पनिक कहानियां और असल ज़िंदगी पर कहानियां लिखता हूँ और इस hindisstory.in के माध्यम से आप तक अपनी कहानी को पहुंचाने की कोशिस करता हूँ। मेरी कहानियों को पढ़ने के लिए धन्यवाद।
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