Pahli Mulakat Hindi Romantic Love Story In Hindi: हाय दोस्तों, जल्दी मेरे वेबसाइट नोटिफिकेशन को सब्सक्राइब कर दो, बिल्कुल फ्री है मुंबई सपनों की नगरी जहाँ हर छोटे बड़े शहरों से काफी तादाद में लोग अपने सपने पूरे करने आते हैं।
लोकल लाइन ट्रेन हर एक कोना लोगों की भीड़ से भरा हुआ दिखता है। इसी शहर में अपना सपना लिए आई थी नियति नियति 24 साल की उम्र में ही दिल्ली से मुंबई शिफ्ट हो गई थी। उसका साथ शुरुआती दौर में उसके पापा ने दिया था। पापा मुझे तो यहाँ बहुत डर लग रहा है।
थोड़ा घबराते हुए नियति ने मुंबई स्टेशन से बाहर आते हुए अपने पापा से कहा बेटा हम नॉर्थ इंडियन लोगों की ना एक खासियत है। पता है क्या? हम कहीं भी सर्वाइवल कर लेते है जैसे नियति के पापा ने उसे हिम्मत दी हो।
नियति बहुत अच्छी लड़की थी, सुलझी हुई बातों को एकदम सीधा बोलना, खुश रहना, एकदम मज़ाकिया अंदाज। मुंबई में शिफ्ट होते ही करीब दो महीने तक उसके पापा ने हर जगह उसे सपोर्ट किया। हर जगह उसके साथ इंटरव्यू पे जाना पापा ।
Pahli Mulakat Hindi Romantic Love Story In Hindi
मुझे एक प्रेडिक्शन हॉउस से कॉल आ गया है। कल से मैं जॉइन कर रही हूँ एस ए क्रियेटिव हेड सीधा चैनल में नियति और उसके पापा बहुत खुश थे। कुछ टाइम बाद ही नियति के पिताजी भी वापस दिल्ली की ट्रैन से घर निकल गए थे। आज पापा के बिना यहाँ मेरा पहला दिन है मुंबई में और अकेले रहने का डर भी।
नियति मन ही मन सोचती हुई सुबह ऑफिस निकल जाती है। दिन भर की थकान उसके चेहरे पर साफ नजर आ रही थी। ऑफिस से आते आते रात के 9:00 बज चूके थे पर मुंबई सोती कहाँ है? है? अपने 180 स्क्वायर फिट के कमरे में घुसते ही ने उसे चारों ओर से निहारा।
हरी थकी नियति घर से दूर रहने पर काफी मायूस थी पर उसकी जॉब और अच्छी खासी सैलरी ने उसे वहाँ रहने का मौका दिया। सात माले की बिल्डिंग आसपास थी। खिड़की से रात को बाहर मुंबई की ठंडी हवा को महसूस कर रही थी तभी।
डोरबेल बजती है। नियति ने सोचा यहाँ तो मुझे कोई नहीं जानता, फिर इस वक्त कौन है? गेट खोलने पर पड़ोस वाली आंटी थी, जिन्होंने नियति पर अपना हक जमाना शुरू कर दिया। तुम नहीं हो ना यहाँ मैं तुम्हारे बराबर वाले फ्लैट 201 में रहती हूँ।
जी थैंक्स आंटी, पर मुझे कुछ नहीं चाहिए। नैती ने बड़े प्यार से स्माइल करते हुए कहा और गेट बंद कर लिया। इस टाइम बहुत भूख लगी है। क्या बनाया जाए? नैती ने मन ही मन सोचा कुछ सोचने के बाद नैती अपने किचन में जाके मैगी बनाने लगी।
खाना बनाना आता ही कहाँ था? घर में बहनों ने कभी किचन का रास्ता देखने ही नहीं दिया। टी वि हेड में कितना झूट बोलते हैं 2 मिनट हाँ, 2 मिनट में मैगी तैयार होती है। असल में तो 1015 मिनट कहीं नहीं गए। नियति बड़बड़ाती हुई मैगी बना रही थी।
एक श्याम निति अपने ऑफिस से लौट रही थी। उसे बिल्डिंग के नीचे एक लड़का अपने कंधे पर जिम का बैग टांगे निति के सामने से गुजर रहा था। वो नियति को ही देख रहा था। नियति ने उसे देख कर इग्नोर किया। अपने फर्स्ट फ्लोर की सीढ़ियों चढ़ते हुए नियति अपने फ्लैट तक पहुंचती है।
तभी उसे घर से उसकी छोटी बहन तनु का वीडियो कॉल आता है। सबसे बात करने के बाद नियति थोड़ी देर के लिए अपने बिल्डिंग के नीचे जाकर बैठ जाती है। कुछ समय बीतने के बाद वो देखती है कि वही लड़का नियति को देखते हुए आ रहा था। इस बार नियति ने भी उसे गुस्से से देखा और मुँह बना लिया।
Pahli Mulakat Hindi Romantic Love Story In Hindi
ये अब रोज़ का सिलसिला बन गया था। दरअसल वो लड़का उसे बिल्डिंग के इस सेवंथ फ्लोर पर रहता था। उसे नियति के ऑफिस जाने का टाइम आने का टाइम सब पता था। मुंबई में दिसंबर का मौसम काफी हसीन होता है। हल्का ठंडा एक शाम नैति के ऑफिस फ्रेन्ड रश्मि का कॉल आता है।
नियति कहाँ है? क्या हुआ? घर पर हूँ अच्छा मैं नीतू तेरे घर आ रहे है, नीतू के अच्छे कॅाटाक्ट है मुंबई में वो हमें किसी से मिलवा रही है। शायद हमें और अच्छी जगह रिफरेन्स से जॉब मिल जाए। अरे नहीं बाबा मैं खुश हूँ, यहाँ अच्छा आकर बात करते है।
तीनों सहिलिया चाय पीते हुए गप शप कर रही थी। तभी नीतू को उसकी दोस्त का फ़ोन आता है। फ़ोन रखते हुए नीतू चलो नियति मैंने कहा था ना मेरे दोस्त कुछ कॅाटाक्ट देंगे चलो सब नीचे। नीती की बिल्डिंग के ग्राउंड में चार नौजवान लड़के खड़े थे। नियति ने सबको हैलो कहा ।
उसी में वो लड़का भी था हाई रोहन नितिन उसे घूर के देखा और नीतू के कान में बड़बड़ाई ये ये तो एक नंबर का पागल है डेली घूरता है मुझे आते जाते ये क्या कॅाटाक्ट देगा चुप करना? पहले सुन तो ले, सबका नंबर एक्स्चेंज होता है।
नैती को अगली शाम रोहन का कॉल आता है। हैलो हैलो नैती मैं रोहन कल तुम अँधेरी वेस्ट चली जाना। फन रिपब्लिक में सेकंड फ्लोर पर मिस्टर बत्रा मिलेंगे। उन्हें अपना प्रोफाइल दे देना नीती वहाँ चली जाती है, उसे वहाँ बहुत अच्छा ट्रेड किया जाता है।
घर आते ही वो रोहन को व्हाट्सएप मैसेज करती है। थैंक्स वो बताएंगे मुझे आगे का फीड्बैक रात 8:00 बजे नियति को रोहन का मैसेज आता है। तुम कॉफ़ी पीती हो। नियति ने स्माइल के साथ मैसेज किया नहीं रोहन मैसेज पढ़ के उदास हो जाता है।
थोड़ी देर में रोहन को नियति का मैसेज। तुम चाय पीते हों हैँ पर मेँ बनागुआ आ जाओ उप्पर फ्लैट न 711 नियति पहली बार घबराते हुए रोहन के फ्लैट पहुंची थीं वाइट स्कैट औऱ खुली बल्लों में बहुत प्यारी लग रही थीं, वहीं रोहन भी अपनी लैपटॉप पे बिजी था, नियति के आने के बाद रोहन ने उसका वेलकम किआ, रोहन भी बहुत शर्मिला था, हमेंशा उसके चेहरे पे स्माइल ही रहती थीं।
Pahli Mulakat Hindi Romantic Love Story In Hindi
कहा से हों वैसे प्रॉपर तुम रोहन ने चाय पीते हुए नियति से सवाल किआ, मैं दिल्ली से औऱ तुम रोहन कानपुर से, इसी तरह से दोनों मैं बातें होते रहती है कही न कही रोहन नियति को पसंद कर लिया था, एक दिन रोहन बाहर दोस्त के साथ बैठा हुआ था।
तभी नियति आती हैँ हाय रोहन, कैसे हों, रोहन के साथ उसका दोस्त सिद्ध भी था, सिद्ध ने मज़ाक करतें हुए कहा नियति तुम हमारी भाभी क्यों नहीं बन जाती हों, नियति ने गुस्से से दिखी औऱ वहा से चली गई, रोहन बस देखता ही रह गया।
रोहन नियति को कॉल करता है। हैलो अरे यार वो मजाक कर रहा था मुझे ये सब नहीं पसंद तुम बस मेरे अच्छे दोस्त हो, अच्छा ठीक है नीचे आओ, थोड़ा घूम कर आते हैं इस वक्त 2:00 बज रहे हैं यार तुम मुंबई हो, यहाँ की नाइट लाइफ से अनजान मत रहो, चलो ना प्लीज़।
रोहन नियति का मूड ठीक करता है और उसे अपनी कार में बिठाकर उसे सॉरी बोलता है। सिड रोहनियति बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे। नियति सिड की हर बात मानने लगी थी। वो बिलकुल उसे अपने बहन की तरह ट्रीट करता था। कुछ टाइम तक ये सिलसिला ऐसे ही चलने लगा।
एक शाम रोहन सेट और उसके दो तीन दोस्त सब साथ में नरीमन पॉइंट गए जहाँ सब अपनी गर्लफ्रेंड से प्यार का इजहार कर रहे थे। समुद्र से भरा नरीमन पॉइंट किनारे पर बैठे लोग अलग ही रात रोहन को ही देख रहा था।
भाई यहाँ सब ठीक है पर रोहन तुम कहाँ खोये हो सब दोस्तों ने रोहन को नियति से अपने प्यार का इजहार करने को कहा। रोहन ने भी हिम्मत करके सबके सामने नियति को प्रोपोज़ किया पर नियति ने फिर मना कर दिया। ये चौथी बार उसने रोहन के साथ ऐसा किया था।
उसके प्रपोजल को ठुकरा दिया था। रोहन अब बहुत उदास हो गया था। घर आते वक्त अपनी बिल्डिंग के नीचे रोहन नियति को रोकता है। नियति मैं सच में तुमसे प्यार करने लगा हूँ आखिर तुम हर बार मुझे ठुकरा क्यों देती हो? क्योंकि तुम मेरे बारे में कुछ नहीं जानते?
बस इतना ही की मैं दिल्ली से हूँ, यहाँ जॉब करती हूँ, अकेले रहती हूँ इससे आगे तो तुम बताओगी तब जानूंगा ना मैं और मैं तुम्हें जानना चाहता हूँ ठीक है, मैं चेंज करके आती हूँ, तुम कॉफ़ी बनाओगे? रोहन नेति को देखता है और स्माइल करता है। कुछ देर बाद ही नेति रोहन के पास जाती है।
रोहन मेरा पहला प्यार अधूरा रह गया था। उसने मुझे चीट किया, मैं उसे अब तक बाहर नहीं आ पाई हूँ और अब ये रिलेशन नियति बहुत उदास हो गई। उसकी आँखों में आंसू भर गए थे गला।
गला रौंद गया था। रोहन ने नियति को गले लगाया और कहा, मुझे तुम्हारे पास से कोई मतलब नहीं है। मैं तुम्हारे साथ आगे की लाइफ बिताना चाहता हूँ। मेरे साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ है। तुम देखना हम दोनों बहुत खुश रहेंगे। दोनों ने एक दूसरे को गले लगा लिया
प्यार अपने परवान पर चढ़ चुका था मुलाकातें, प्यार भरी बातें सब होने लगी थी। नियति हम लिविंग में रह सकते हैं। आई थिंक रोहन अब नियति के साथ रहना चाहता था। उसे हर वक्त अपनी आँखों के सामने देखना चाहता था। वो उससे बेहद प्यार करता था।
और नियति भी पर नियति लिविंग में आने से इंकार कर रही थी पर कुछ टाइम लिविंग रिलेशनशिप में आ गई। दोनों साथ बहुत खुश थे। रोहन कहीं भी जाता दो चार घंटों में ही उसे नियति की याद आने लगती। व्हाट्सएप पर ढेर सारे मैसेज आई ऍम मिस्स, यू आई लव यू बस
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इसी तरह की मैसेज करता रहता था। नियति भी ऐसी थी प्यार में दोनों खो गए थे शुरुआती 2 साल बहुत अच्छे से गुजरे नियति रोहन से 3 साल बड़ी थी। अब उसे घर से शादी के लिए कॉल आने लगे थे।
रोहन माँ फ़ोन पर आजकल कह रही है शादी के लिए तो तुम मुझे छोड़ दोगी। रोहन ने उदास होते हुए कहा नहीं बाबा मैं तुम्हारा जवाब जानना चाहती हमारी कंपॅटिबिलिटी हमारा प्यार साथ रहना, हमने सब कुछ तो देख लिया ना। मुझे लगता है अब हमें इस रिश्ते को नाम देना चाहिए
रोहन ने नियति की बात को काफी समझा और फैसला किया की दिल्ली जाके वो नियति की फैम्ली से बात करेगा। घर जाके रोहन ने नियति की फैम्ली से बात भी की। थोड़ा टाइम मांगा, सेटल होने का, कुछ टाइम से नियति को लॉन्ग डिस्टेंस पर रहना पड़ रहा था।
अपनी जॉब के रहते अब पांच छह महीनों में एक बार ही मिलना होता। दिल्ली से कानपुर फ़ोन पर बातें होती नेति कुछ टाइम बाद मुंबई लौट आयी थी। रात के 2:00 बजे रात के 2:00 बज गए। रोहन अब तक नहीं आया नेति जब भी रोहन को फ़ोन करती वो सिर्फ 20 मिनट में आ रहा हूँ। ऐसा कहकर फ़ोन रख देता।
सुबह 5:00 बजे तक नियति ने इंतजार किया। रोहन के आते ही नियति ने उसे गुस्से से देखा और बिना कुछ बोले वो अपने बैडरूम में चली गई। उसके बाद से सब कुछ शांत हो गया था। दोनों के बीच वो प्यार जैसे धुंधला हो गया था। नीती दोबारा से वो सब नहीं चाहती थी
उसकी जिंदगी में जो उसने पहले सहा था अधूरे प्यार का दर्द। नीती ने बहुत कोशिश की अपने रिश्ते को संभालने की एक शाम रोहन नीती खामोश थे नीती मैं अपने भाई की शादी के लिए कानपुर जा रहा हूँ। तुम अपना ख्याल रखना, सब कुछ भूल जाओ।
नियति भी शांत थी। इतना कुछ बदल जो गया था उसकी जिंदगी में रोहन को गई दो महीने हो गए थे। बात कम हो रही थी। रोहन दो महीने बाद लौटा। नियति उसे देख कर रो पड़ी। वो दो महीने उसे 2 साल जैसे लगी।
रोहन हम एक नई शुरुआत करते पिछली बातें भुलाके रोहन ने नेति को गले लगाया। थोड़े टाइम तक दोनों कोशिश कर रहे थे, पर नियति की कोशिश रोहन से ज्यादा नजर आ रही थी। फिर वही बहस, झगड़ा, रातों को लेट आना, नियति को इग्नोर करना।
एक शाम नियति किचन में दोनों के लिए शाम की चाय बना रही थी। घर के लिविंग एरिया में बैठा रोहन अपने फ़ोन में बीज़ी था। रोहन चाय लो ठंडी हो जाएगी रोहन फ़ोन में लगातार बीज़ी था, उसे पता ही नहीं चला कब नियति पास वाली चेयर पर आकर बैठ गई। फेसबुक मैसेंजर पर लगातार चैट हो रही थी।
पर किस्से जैसे ही नियति ने फ़ोन में आते मैसेज को पढ़ा वो हैरान हो गई। तुम्हारी बहुत याद आ रही है रोहन जैसे ही रोहन ने नियति को देखा वो तुरंत घबरा उठा। वो मैसेज दिखाओ, अपने काम से काम रखो नैती रोहन को देखती रह गई।
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झगड़ा करते ही उसने वो मैसेज खोला और सन्न हो गई। मुंबई में बारिश उस दिन जोरो पर थी। नेती चुप चाप खड़े होकर अपने कमरे में गई। रोहन अब एक तरफ चुप खड़ा था। थोड़ी देर में नेती बाहर गई और गेट खोलकर बाहर जाने लगी। नेती रुको, सुनो मेरी बात।
नती बिल्डिंग के नीचे जाके खड़ी हो गई। बारिश की बूंदों ने उसे कुछ पल में ही भिगो दिया था जैसे आज आसमान उसके टूटे दिल की आवाज सुन पा रहा था, वो गुमसुम एक सूद में चली जा रही थी। पता नहीं कहाँ कौन सी मंजिल अब बाकी थी, आंखें सूख गई थी।
पीछे रोहन अपनी कार लेके नियति के पीछे पीछे जाता है। कार का दरवाजा खोलकर वो नियति से कहता है नियति अंदर बैठो, कोई ड्रामा नहीं चाहिए। नीती चुपचाप बैठ गई। थोड़ी दूर जाकर रोहन नियmmति पर चिल्लाने लगा, हाँ तो मैं क्या करता हो गया ना यार प्यार मुझे?
इतना रोक टोक करती थी हर बात पर टाइम नोट करना ये मत करो वो मत करो मैं क्या करता यार? नीती अब भी खामोश थी, एकदम चुप थी शब्द नहीं थी उसके पास जैसे उसका शव खो गया था घर पर अब माँ बाप को मैं क्या जवाब दूंगी की फिक्र में वो बहुत परेशान थी।
मैं क्या बोलेंगे माँ पापा से की? मुझे प्यार में फिर धोखा मिल गया। मेरे साथ ऐसा क्यों? कई सवाल मन में लिए नियति कार में बैठी रोहन को सुन रही थी कार वापस घर ले जाकर रोहन ने नियति से माफी मांगी, उसे शांत किया।
नीती मुझे लगता है हमें थोड़ा ब्रेक लेना चाहिए। मैं अपने मैं अपने काम पर ध्यान नहीं दे पा रहा हूँ यार रोहन अपनी सारी नाकामयाबी की सारी गलतियाँ नीती पर थोपे जा रहा था और वो बस खामोश थी। क्या करती प्यार में? दूसरी बार उसे धोखा मिला फिर भी रोहन को खोने का डर
उसे सता रहा था। उसने उसकी वो गलती भी माफ़ कर दी। 2 दिन बाद ही रोहन को फिर कानपुर जाना था। नियति तुम भी घर चली जाओ, मैं यहाँ से घर शिफ्ट करूँगा, तुम आ जाना, पर छह महीने तक हम दोनों अपने काम में बीज़ी रहेंगे। नियति को भी लगा शायद ऐसा कर के सब ठीक हो जाए।
पर मन में अजीब सा डर था रोहन को खोने का। रोहन ने तुरंत ही की दिल्ली की टिकेट बुक की उसे छोड़ के जब वो मुंबई स्टेशन से आ रहा था, उसे दूर से देख रही थी। ट्रैन जैसे जैसे आगे बढ़ रही थी। रोहन पीछे छूट रहा था। अगली सुबह अपने घर दिल्ली पहुंची घर में।
घर मेँ सबको खुश देख कर फ्रेश फ़ील कर रही थीं, कुछ देर मेँ रोहन के मैसेज आए, नियति सॉरी यार हमारी कोई कंपबिलिटी नहीं हैँ, ये रिश्ता मैं आगे औऱ नहीं ले जा सकता, सॉरी यार, टेक केयर, अपना ध्यान रखना, ये मैसेज देखते ही नियति के पैरो से जमीन खिशक गई, वो एकदम से हैरान परेशान वो जल्दी से छत पे जाकर रोहन को कॉल मैसेज करने लगी,
रोहन ने कोई ज़वाब नहीं दिया, नियति के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रही थीं, नियति पूरी तरह से टूट चुकी थीं, एकदम खामोश, हंसी तो जैसे मानो सो कैश दूर थीं, दोस्तों इज़हार करने का हक़ दोनों इन्सान को है तो इंकार करने का हक़ भी दोनों का होना चाहिए ना, रोहन ने नियति को प्रोपोज़ किआ, आज उसी ने उसका साथ छोड़ दिया।
ब्रेकअप हुए अभी 7 दिन ही हुए थे नियति एक दम खामोश थी हँसी की महफिल से काफी दूर। दी। सुन ना तू जॉब करेगी मेरी सर आज कह रहे थे कि एक बैंकरों में तेरे लिए जॉब का हो सकता है। नीती की छोटी बहन सुनैना ने उसे कहा जॉब नीती ने मन ही मन सोचा अपने आपको रोहन की यादों से निकालने के लिए उसे कहीं तो बीज़ी होना ही पड़ेगा।
नेक्स्ट डे एक बैंक्वेट में इंटरव्यू देने चली जाती है, नियति का सेलेक्शन हो जाता है। बैंक्वेट से वापस लौट थी हुई नियति मेट्रो से आते वक्त अपनी और रोहन की यादों में गुम नियति की जॉब लग गई थी। दो महीने बाद ही वेड्डिंग सीज़न शुरू होने वाला था।
नियति पूरी कोशिश कर रही थी कि वो रोहन को ना याद करें पर दोस्तों दिल कहाँ किसी की सुनता है? ऑफिस आते जाते वक्त नियति सैड सॉन्ग सुनती और रोहन को बहुत याद करती बट रोहन पूरी तरह से नियति को भूल रहा था। नियति माँ ऍम वेड्डिंग सीज़न शुरू हो चुका है।
अब आपको यहाँ बैंकर में कोई तो मिल जाएगा। नियति की कोलीग ने उसे छेड़ते हुए कहा, नियति ने झूठे स्माइल दी और बैंकर के वाशरूम में जाके मिरर में झांकती हुई नियति बहुत रो रही थी। वापस अपने आंसुओं को पोंछ नियति बाहर फेक स्माइल लेकर आती है। वेलकम सर।
रूम नंबर 10 में हमने ब्राइड को भेजा है और चार्ट्स काउंटर पर आपके मेहमान आ चूके हैं। नियति रोज़ अपनी आँखों के सामने हर दिन एक प्रेमी जोड़े को देखती। उसके में प्री वेड्डिंग शूट इंगेजमेंट कई तरह की रस्में वो होते हुए देखती थी।
ब्लैक फॉर्मल सूट पहने नियति काफी सुंदर लगती थी। एक दम प्रोफेशनल हाथ में वॉकी टॉकी लिए नियति सबको ऑर्डर कर दी जाती। एक शाम नियति उस सजे धजे बैंक्वेट को देख रही थी बारात आती दूल्हा अंदर आता वहाँ से बैंक्वेट हॉल में खड़े नियति दूल्हा दुल्हन की जोड़ी को।
जयमाला करते हुए देखती और मन ही मन रोहन को याद कर दे। नियति को उसकी इस जॉब ने काफी संभालना। पर 1 साल बाद नियति ने वापस मुंबई आने का सोचा। फिर से मुंबई की तरफ बढ़ते नियति के कदम रोहन को अपने पास आता महसूस कर रहे थे।
नियति मुंबई आके पी जी शिफ्ट हो गई थी और मुंबई में भी उसने अपने लिए में जॉब देख ली थी। नियति रोहन के दोस्त सेट से मिली नियति कैसी हो मैं ठीक हूँ सेट तुम कैसे हो? ठीक हूँ यार रिलेशन में आ गया हूँ उस शाम नियति ने सेट के साथ बहुत सारी बाते की।
नियति वो मेरा दोस्त था, हमारी दोस्ती खराब हो चुकी है, मैं उसकी कॅाटाक्ट में नहीं नियति सिर से मिलके वापस अपने पी जी अपार्टमेंट पहुंचती है। रात के 11:00 बजे नीती को लगातार फ़ोन आ रहे थे। नियति किचन में खाना बना रही थी।
टेबल पर मोबाइल लगातार बज रहा था। टॉवल से तुरंत हाथ पहुँचकर जैसे ही नियति ने फ़ोन उठाया तो देखा रोहन की लगातार कॉल्स नियति का दिल एकदम ढक सा रह गया मानो वो 3 साल पीछे चली गयी हो। नियति ने फ़ोन उठाया हैलो हैलो नियति तुम कहाँ हो ?
क्यों क्या हुआ? नैती ने थोड़े गुस्से में कहा जो पूछा वो बताओ मुंबई तुम कब वापस आई कुछ ही दिन हुए कैसी हो मिलोगी नहीं हाँ मिलूँगी मेरा मंदिर तुम्हारे पास रखा है, वो लेना है या तुम दे देना वो मुझे दे देगा तुम्हारा मंदिर है, तुम ही लेने आओ।
ये कहके रोहन ने नियति को एड्रेस मैसेज किया। नियति अगले दिन रोहन के घर पहुंची। गेट खोला तो सामने रोहन था नियति उसे देख के अपने आंसुओं को कंट्रोल कर रही थी। आओ बैठो चाय, पियोगी या कॉफ़ी? रोहन ने बहुत फॉर्मल तरीके से पूछा, कुछ नहीं मैं मंदिर मुझे दे दो। एक तरफा प्यार कि कहानी
मुझे निकलना है निधि बहुत उदास मन से बोली रोहन ने नियति को देखा और उसे गले लगा लिया जो हुआ भूल जाओ शायद हम दोनों का साथ नहीं था। इसमें उदास क्यों होना ठीक है ना यार लाइफ है होता है। एक तरफ़ा प्यार कि कहानी
- नियति रोहन को इतना बदला देखकर हैरान थी। ये वही रोहन है जो नियति को छोड़ने के डर से पागलों जैसे हरकत करता था, जो रह ही नहीं सकता था। 1 मिनट भी रोहन ने नियति को गले लगाया और उसे किस करने लगा कितबी नियति ने रोहन को रोक दिया।
रोहन मैं अपने आप को संभाल लूंगी नियति दूर हट गई, रोहन वापस की तरफ बढ़ा और उसे कहा, नियति थोड़ा आगे बढ़ो। लाइफ में हम बेस्ट फ्रेन्ड भी बन सकते हैं। होता है यार लाइफ है रोहन की बात। उसे साफ नजर आ रहा था कि अब वो उसके साथ।
दोस्ती के नाम पर रिलेशन रखना चाहता था, पर नियति उसके इरादे काफी अच्छी तरह भाग गई थी। रोहन मुझे लेट हो रहा है। मैं चलती हूँ अपने कान्हा जी का मंदिर लिए नियति ऑटो रिक्शा में बैठकर फूट फूट कर रोने अपने पी जी अपार्टमेंट में आते ही वो सन्नति रोहन के बदले बिहेव्यर से कुछ टाइम बीता।
Pahli Mulakat Hindi Romantic Love Story In Hindi
एक रात रोहन ने बहुत ड्रिंक कर रखी थी और नैतिक को 12:00 बजे कॉल करके कहा, नियति मुझे कोई प्यार नहीं करता, मैं अकेला हूँ, तुम भी मुझ से बहुत नफरत करती हो, मैं मरने जा रहा हूँ, मैं सुसाइड कर रहा हूँ बाई नियति घबरा गई। रात के साढ़े 12:00 बज चूके थे
वो रोहन के घर जाने लगी की तभी उसकी रूममेट ने उसे रोका। यार तू पागल है इस टाइम मत जा, तू फंस जाएगी नेती घबराते हुए बोली नहीं यार प्लीज़ मुझे जाना है मैं आती हूँ बस 1 घंटे में समझ यार वो कुछ कर ना ले क्योंकि जा मैं।
मैं सो नहीं रही हूँ हाँ और कोई भी हेल्प चाहिए तो प्लीज़ मुझे कॉल कर हाँ पक्का रात को नियति रोहन की यहाँ पहुंची रोहन ने बहुत ड्रिंक कर रखी थी। नियति उसे समझा बुझा कर अपने पी जी अपार्टमेंट ले आयी। रात को उसे अपने बेड पर सुला कर वो सुफ्री पर लेट गई। उस रात नियति बहुत परेशान थी, उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था।
सुबह रूहान उठा तो नियति ने उसे चाय दी। तुम ठीक हो ना अब हाँ रोहन चाय पीकर वहाँ से बिना कुछ बात किए जाने लगा और जाते जाते। उसने नियति को देखा और बाय कहा। नियति उसके जाते ही सोच में पड़ गई कि ये हो क्या रहा है? रोहन क्या करना चाहता है? शाम के 8:00 बजे नियति को उसके इंस्टाग्राम पे एक लड़की का मैसेज आया है।
नियति दी, मैं रोहन की भाई की गर्लफ्रेंड हूँ, आपसे बात करना चाहती हूँ। प्लीज़ आपका नंबर चाहिए ने अपना नंबर मैसेज किया, तुरंत उसे का कॉल आया, रोहन के भाई की गर्लफ्रेंड दी आप अभी भी रोहन के टच में हो क्या? क्यों क्या हुआ?
दीव आपसे झूठ बोल रहा है उसकी गर्लफ्रेंड है सीरीज वाली। वो उसी से शादी करेगा वहाँ आपके साथ टाइम पास और घर जाकर शालिनी के साथ, मैं आपको कल की चैट भेजती हूँ। मेरी बात हुई थी कल शाम को रोहन से व्हाट्सएप पे चाट पड़ी तो पता लगा रोहन ने साफ लिखा था कि वो शादी सिर्फ शालिनी से करेगा। उसकी नई गर्लफ्रेंड फिर टूट गई थी। रोहन के छूट से दोस्तों ये कहानी अपने अंतिम पड़ाव पर चल रही है। चलिए जानते आगे की कहानी को।
नियति ने जैसे ही रोहन की चट पड़ी उससे बहुत गुस्सा आया। उसने मेशु का फ़ोन रखा और तुरंत रोहन को कॉल किया। रोहन ने फ़ोन उठाया, हैलो क्या कहा था तुमने कल कि तुम अकेले हो मरने जा रहे हो अब मैं बोलती हूँ, मर जाओ जाके अगर असली मर्द हो तो मर जाओ
कल रात मुझ पे प्यार आया, सोचा होगा यहाँ नियति से टाइम पास करता हूँ घर जाके तो मैं शादी करूँगा ही शालिनी से क्यों सही कहा ना चुप क्यों हूँ नियति शालिनी को बीच में मत लाओ वो बहुत अच्छी लड़की है तुम्हें बुरी हो गई शर्म आ रही है कि नहीं तुम्हें?
तुम जैसे इंसान को मैंने प्यार किया, रोहन तुम तुम कभी खुश नहीं रहोगे। और हाँ, एक बात और मैं प्रार्थना करूँगी, भरे नाज से की तुम्हारी जीवन साथी भी तुम्हें डिच करे, धोखा दे तब पता चलेगा सच्चे प्यार का दर्द न्यति ने फ़ोन काट दिया और रोहन को हर जगह से ब्लॉक कर दिया
नियति को उसकी रूममेट ने संभालना नेक्स्ट की नियति सुबह उठी तो शाम थी। जैसे तूफान आने के बाद समुद्र शांत हो जाता है। नियति नहाकर सीधा मंदिर गई और वहाँ जाकर भगवान को थैंक्स कहा कि उसके साथ कुछ बुरा नहीं हुआ। ज्यादा कुछ बुरा होने से पहले ही वह बच गई।
नियति और उसकी रूममेट वॅन बी हेच के फ्लैट में शिफ्ट हो गए थे की दोस्त और उसका बॉय फ्रेन्ड तीनो साथ मिल कर रह रहे थे। नियति जब भी उन दोनों को साथ देखती, Pahli Mulakat Hindi Romantic Love
तो उसे रोहन कि बहुत याद आती, लेकिन उसकी झूठ फरेब को याद करके उसे भुलाने कि कोशिश करती, उसे रोहन को भुलाने मेँ एक साल लग गए उसके बाद से नियति के लाइफ मेँ सब कुछ अच्छा होने लगा वो एक सेल्स एक्सक्यूटिव head बन गई उसके बाद से उसने अपने लाइफ को अपने तरिके से जिया।
दोस्तों क्या नियति दुबरा किसी लड़के से प्यार करेगी या नहीं, ये तो नियति का फ्यूचर ही बताएगा, तो ये थीं नियति कि कहानी कैसी लगी आप सभी को प्लीज कमेंट करके बताये, इस कहानी को लिखने मेँ एक week लगा हैँ दोस्तों, आप इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर कीजिये thanku आप सभी को जो अपने इस कहानी को पढ़ा
1. नियति ने मुंबई में शिफ्ट होने के बाद अपने पिताजी से क्या कहा था?
नियति ने मुंबई में शिफ्ट होने के बाद अपने पिताजी से कहा था, “पापा मुझे तो यहाँ बहुत डर लग रहा है।” यह बात उसने मुंबई स्टेशन से बाहर आते समय अपने पिताजी से कही थी.
2. नियति की पहली नौकरी किस पद पर थी?
नियति की पहली नौकरी “क्रिएटिव हेड” के पद पर थी, जिसे उसने एक प्रेडिक्शन हाउस से कॉल आने के बाद जॉइन किया था।
3. रोहन ने नियति को किस तरह से मदद की?
रोहन ने नियति को मदद करने के लिए उसे एक महत्वपूर्ण कॉल किया। उसने नियति को बताया कि उसे अंधेरी वेस्ट में फन रिपब्लिक में मिस्टर बत्रा से मिलना है और उन्हें अपना प्रोफाइल देना है। इस मदद से नियति को एक अच्छा अवसर मिला, जहाँ उसे अच्छा ट्रेड किया गया।
इस प्रकार, रोहन ने नियति को अपने करियर में आगे बढ़ने में सहायता की।
नमस्ते दोस्तों मेरा नाम आर्यन यादव है और मुझे कहानियां लिखना औऱ पढ़ना बेहद पसंद है इसलिए मैं अपने आस-पास सभी की लाइफ से प्रेरित होकर कहानियां, लव स्टोरी, काल्पनिक कहानियां और असल ज़िंदगी पर कहानियां लिखता हूँ और इस hindisstory.in के माध्यम से आप तक अपनी कहानी को पहुंचाने की कोशिस करता हूँ। मेरी कहानियों को पढ़ने के लिए धन्यवाद।