राजकुमार की परोपकारी कहानी Motivational Stories in Hindi

Motivational Stories in Hindi:   यह एक प्रेरक कहानी है जो हमें दूसरों की सेवा करने और परोपकार करने के महत्व के बारे में सिखाती है। यूनान के राजकुमार ने अपने जीवनकाल में और मृत्यु के बाद भी दूसरों की मदद की और उनके दुख-दर्द बांटे। चिड़िया ने भी राजकुमार की बात मानी और उसकी मदद की।

 

 

यूनान का एक परोपकारी राजकुमार था जिसने मरने के बाद भी दूसरों के दुख-दर्द बाँटे। हमें भी अपना स्वभाव राजकुमार जैसा बनाना चाहिए और दूसरों की सेवा करनी चाहिए। यही संदेश इस पाठ में मिलता है।

 

 

                    Motivational Stories in Hindi

राजकुमार की परोपकारी कहानी Motivational Stories in Hindi

 

यूनान राज्य की राजधानी एथेंस के बीचोंबीच एक सुनहरी प्रतिमा लगी हुई थी। उस प्रतिमा पर हीरे-मोती और सोने-चाँदी जड़े थे। यह प्रतिमा यूनान के राजकुमार की थी। एक दिन यूनान से दो मंत्री वहाँ से गुजर रहे थे। प्रतिमा को देखकर किसी ने कहा, “सचमुच इतनी सुंदर प्रतिमा और कहीं नहीं देखी है।”

 

 

कलाकार ने इसे इतना सजीव बनाया है, मानो यह अभी बोल उठेगी।” प्रतिमा उनकी बातें सुनकर मुसकुराई। तभी एक बच्चे की उँगली पकड़े उसकी माँ प्रतिमा के सामने से निकली। बच्चा रो रहा था। माँ ने कहा, “ज़रा उस प्रतिमा को देखो। राजकुमार कैसे मुसकुरा रहा है? तुम्हें भी सदा ऐसे ही मुसकुराते रहना चाहिए। पर तुम तो बात-बात पर रोते हो ।”

 

 

 

Motivational Stories in Hindi

बाद में एक चिड़िया कहीं से उड़ती हुई आई और मूर्ति पर बैठ गई। बाद में आसमान से बूँदें गिरने लगी। चिड़िया ने रोते हुए कहा, “अरे! मैं तो यहाँ आराम करने आई थी, पर यहाँ तो सिर ढकने की भी जगह नहीं। ऐसी मूर्ति का क्या फ़ायदा जो किसी को भीगने से भी न बचा पाए।” यह सुनकर प्रतिमा बोल उठी, “मेरे दोनों पाँवों के बीच कुछ छिपने की जगह है। तुम वहाँ बैठ जाओ ।”

 

 

 

चिड़िया वहाँ जाकर बैठ गई और भीगने से बच गई। रात में राजकुमार को बताया- “मैं यहाँ का राजकुमार था। मैं हमेशा सबकी मदद करता था। दूसरों की मदद करने में मुझे आनंद आता था। अब मैं जीवित नहीं रहा। चाहकर भी खुद किसी के काम नहीं आ सकता। क्या तुम मेरी मदद करोगी?” चिड़िया बोली- “हमें दूर जाना है। जल्दी बताओ, तुम्हारा क्या काम है?”

 

 

 

Motivational Stories in Hindi

राजकुमार बोला- “तुम राजमहल में जाओ! वहाँ राजमहल के पास सेवकों के कमरे हैं। उनमें एक छोटा-सा कमरा भी है। वहाँ एक बीमार लड़का भूख-प्यास से व्याकुल है। उसकी माँ बहुत गरीब है। उसके पास उसे खिलाने के लिए कुछ भी नहीं है। दवा के लिए भी पैसे नहीं हैं। तुम मेरी आँखों में से कुछ हीरे निकालकर उन्हें दे आओ।”

 

 

चिड़िया बोली- “नहीं, नहीं! मैं उस लड़के के लिए कभी नहीं जाऊँगी। पिछले साल जब मैं नदी पार कर रही थी तो उस शैतान ने मुझे पत्थर मारे थे।” चिड़िया की बात सुनकर राजकुमार उदास हो गया। राजकुमार को दुखी देख चिड़िया ने उसकी बात मान ली। उसने अपनी चोंच से कुरेदकर कुछ हीरे निकाल लिए।

 

राजकुमार की परोपकारी कहानी Rajkumar ki Paropkari Motivational Stories in Hindi

 

उड़ती हुई वह राजमहल के पास गई और वे हीरे लड़के के कमरे में गिरा दिए। कमरे में हीरे पाकर लड़के की माँ बहुत प्रसन्न हुई और बेटे के लिए दवा और खाना लेने बाहर चली गई । चिड़िया वापस लौटी। रास्ते में उसने एक गाँव देखा। वहाँ बहुत गरीबी थी। उसने आकर राजकुमार को बताया।

 

 

 

राजकुमार बोला- “मेरे वस्त्र सोने की परतों से बने हैं। इन परतों को उतारकर गाँव के घरों में डाल आओ। बेचारे कुछ दिन तो पेट भर खा लेंगे।” चिड़िया ने सोने की एक-एक परत ले जाकर सभी घरों में डाल दिया। अपने-अपने घरों में सोना देखकर लोग खुशी से नाच उठे। चिड़िया लौट तो आई पर थककर मूर्ति पर आ गिरी। कुछ क्षण में उसके प्राण निकल गए।

 

 

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अगले दिन जब दोनों मंत्री वहाँ से पुनः गुज़रे तब उनके साथ राजा भी थे। प्रतिमा को देखकर राजा बोले- “ यह प्रतिमा कितनी भद्दी लग रही है।” दोनों मंत्री बोले- “उन्होंने कहा, “आपने ठीक ही कहा। यह राजकुमार की प्रतिमा नहीं लगती, बल्कि भिखारी की प्रतिमा लगती है। चिड़िया भी मर चुकी है। कल इसे हटा देंगे।” उसी रात आसमान से एक देवदूत आया। उसने राजकुमार और चिड़िया को उठाया और अपने पंखों पर बैठाकर देवलोक ले गया।

 

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इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें भी अपने जीवन में दूसरों की सेवा करनी चाहिए और परोपकार करना चाहिए। हमें अपने स्वार्थ को भूलकर दूसरों के लिए काम करना चाहिए और उनके दुख-दर्द बांटने की कोशिश करनी चाहिए। यह भी सिखाती है कि सच्ची सुंदरता बाहरी नहीं होती, बल्कि यह हमारे कार्यों और हमारे दिल में होती है। राजकुमार की प्रतिमा बाहर से भद्दी लग रही थी, लेकिन उसका दिल सोने जैसा था। मोटिवेशनल स्टोरी:

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